Baran:- A overview




बाराँ जिले का धार्मिक एवं पर्यटन स्थल

आज मै आपको भारत देश के राजस्थान राज्य के सीमावर्ती जिले बाराँ के एक प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल के बारे मे बताने जा रहा हु । बाराँ जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर स्थित यह स्थान रामगढ़ माताजी के नाम से विख्यात है ।  यह मंदिर बाराँ जिले व मध्यप्रदेश राज्य के लोगों के लिए प्रमुख आस्था का केंद्र है । यहाँ पर माताजी की 2 प्रतिमाये स्थापित है, जिनमे से एक अन्नपूर्णा एवं दूसरी कृष्णाई के नाम से जानी जाती है । आज से लगभग 300 साल पहले कोटा के महाराज रामसिंह  जी के सेनापति झाला जालिम सिंह ने यहाँ पर मंदिर एवं सीढ़ियों का निर्माण कार्य करवाया था। ऐसी किवदंती है कि माताजी ने महाराज रामसिंह जी को स्वप्न मे दर्शन देते हुए कहा कि मै पहाड़ी के ऊपर विराजमान हु, परंतु मेरे पास तक पहुचने का मार्ग काफी दुर्गम है, तो है राजन तू मेरे मंदिर तक सीढ़ियों का निर्माण करवा, तब राजा ने कहा कि है माता मै उस दुर्गम पहाड़ी पर पत्थर कहा से लाऊं तो माताजी ने उसे पहाड़ी पर एक स्थान बताया जहां से पत्थर सीढ़ियों के रूप मे ही मिले। जिस स्थान से पत्थर निकले गए वहाँ वर्तमान मै एक कुंड है । इसी कुंड के किनारे एक संत केलपुरी जी महाराज ने तपस्या की थी तथा बाद मे जीवित समाधि ली । संत की समाधि स्थल पर एक मंदिर का निर्माण लोगों द्वारा करवाया गया। माताजी की पहाड़ी के नीचे एक तालाब है, जिसे पुष्कर सरोवर के नाम से जाना जाता है । उल्का पिंडों की बारिश के बाद बने इस 4 किमी चौड़े गड्डे ( क्रेटर ) को Geological  Survey of India ने देश की पहली जिओ हेरिटेज साइट के रूप मे दर्ज किया है। सबसे पहले १८६९ मे भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण मे इस जगह की खोज की गई। वर्ष १९६९ मे प्लैनेटरी एण्ड स्पेस साइंस सेंटर कनाडा ने इसे मान्यता दी। रामगढ़ क्रेटर को देश का पहला भू विरासत स्थल घोषित करने पर सहमति जताई जा चुकी है । 

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